Blog Home Page

राजनीति नहीं, निर्णय करो, राजधानी गैरसैंण गोषित करो.....!

Sunday, July 25, 2010

h2bd25

You are here ->































मेरी प्यारी चल प्यारी
मेरी प्यारी चल प्यारी

यो छो उंचा डाना प्यारी, तेरी याद आन्छु प्यारी,
ऊँची नीची डांडू माँ, हरी भरी डांडू माँ.
मीठी मीठी बात करी ला हरी भरी छाओं माँ.
मीठी मीठी बात करी ला हरी भरी छाओं माँ.

सुन प्यारी, मेरी प्यारी.
डांडा कांडा घूमी रौला हरी भरी छाओं माँ.
रंगीलो रंगीलो डांडा तुझको लेजा सुवा.
मेरी याद में आजा यह करान्दंग टोपा.

हरे हरे सुवा मेरो रंगीलो पहाडा.
ओ दीपा घास काट ली कुमाओं को डाना माँ.
ओ दीपा घास काट ली, ओ दीपा घास काट ली तू .. यो कुमाओं को डाना माँ.
रंगीलो पहाड़ के डाना माँ.

यो आई रे छु धारचूला बोर्डर माँ,
ओ प्यारी हिटे जानु हिटे जानु करान्दंग को चढ़ाई.
मीठी मीठी बात करू ला हरी भरी छाओं माँ.
चल प्यारी, मेरी प्यारी,
मेरो संग हाथ सुवा, सुवा हिटो यह करान्दंग टोपा पार करू रुला.
सेकुअखान, कंग्लाखान, यो सेकुअखान, कंग्लाखान, नासामर्ती सुवा.
ऊँचो तिर्छो बाटो यह, पोलाखला पल्लाखला, ऊँचो डाना चढ़ाई.
कर्चिल्ला का बोर्डर सुवा, याद बहूता आंछो.
तुमरो आंसू बहने, के बारे में मैं सोचूँ.
हे रब्बा सागर, सागर, हे रब्बा सागर, तेरू याद माँ.
हे रब्बा सागर, सागर रब्बा तेरू याद माँ.

पतझड़ माँ पंछी उड़े, डाल पे कुई कुई ना बासने होलो.
ये तो जाने होला.
मेरी प्यारी, मेरी प्यारी, तेरी याद माँ मैं जानी यो सागर तालाबा.
देख बटी आला तुमी पारवती ताला माँ.
देख बटी आला तुमी पारवती ताला माँ.









0 Comments:

Post a Comment

<< Home